प्रख्यात संत बाबा गुलाब चन्द्र अघोरी
अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध थे | उनके चमत्कार देख लोग दांतों तले
उंगली दबा लेते थे | लोगो को चमत्कार दिखाते-दिखाते बाबा ने उसमे महारत हासिल कर
ली | इससे उनमे अभिमान आ गया, उन्हें एहसास हो गया की वह कुछ भी कर सकते हैं| वह जिन भी लोगो से मिलते अपने चमत्कारों या अपनी सिद्धियों की चर्चा जरुर करते |
एक दिन बाबा गुलाब चन्द्र संत साहित्य के लेखक ‘सुदर्शन
सिंह चक्र’ की एक कविता पढ़कर गदगद हो उठे | चक्र की कविता से प्रभावित होकर
उन्होंने उनसे कहा – ‘आज तुम जो मांगोगे वही तुम्हे मिलेगा, मांगो दिल खोलकर मांगो
|’
बाबा की बात सुनकर चक्र जी बोले – ‘नहीं बाबा
मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस मैं भगवान की भक्ति तथा साहित्य की साधना करता रहूँ, यही
मेरी इच्छा हैं |’
चक्र जी के यह कहने पर भी बाबा बार-बार उनसे
आग्रह करते रहे और बोले ‘आज मैं अपनी ओर से पहली बार आग्रह कर रहा हूँ, नहीं
मांगोगे तो बाद में पछताओगे |’
यह सुनकर चक्र जी ने कहा – ‘बाबा मैं जो
मांगूंगा, उसे आप दे भी पाओगे या नहीं, पहले यह विचार कर लीजिये |’
इस पर बाबा बोले – ‘नहीं तुम जो भी मांगोगे, मै
तुम्हे अवश्य दूंगा | मै तुमसे वादा करता हूँ |’
इसके बाद चक्र जी बोले – ‘बाबा तो आप यह आशीर्वाद
दीजिये कि भारत में जितने रोगी हैं, वे निरोगी हो जाए | जो दरिद्र हैं, वे धनी हो
जाए |’ चक्र की ऐसी अद्भुत मांग सुनकर बाबा हैरान हो गए और फूट- फूट कर रोने लगे |
वह चक्र जी के नतमस्तक हो कर बोले – ‘आज तुमने मेरा अभिमान नष्ट कर दिया|’
आज मुझे यह पता चल गया हैं की मनुष्य सभी कुछ
करने की क्षमता प्राप्त नहीं कर सकता, चाहे वह कितनी ही सिद्धिया प्राप्त करले, वह
अक्षम ही रहेगा | सर्व सक्षम तो केवल एक ही है ‘परमपिता परमात्मा’, जो सर्वस्व हैं
| जो सभी को एक समान दृष्टि से देखता है और उनका पालन करता हैं | बाबा की बात
सुनकर चक्र जी वहा से चले गए |
Tags: Faith on God, Down to Earth Attitude, Trust on your Luck
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