रविवार, मार्च 4

अद्भुत मांग


प्रख्यात संत बाबा गुलाब चन्द्र अघोरी अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध थे | उनके चमत्कार देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते थे | लोगो को चमत्कार दिखाते-दिखाते बाबा ने उसमे महारत हासिल कर ली | इससे उनमे अभिमान आ गया, उन्हें एहसास हो गया की वह कुछ भी कर सकते हैं| वह जिन भी लोगो से मिलते अपने चमत्कारों या अपनी सिद्धियों की चर्चा जरुर करते |


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एक दिन बाबा गुलाब चन्द्र संत साहित्य के लेखक ‘सुदर्शन सिंह चक्र’ की एक कविता पढ़कर गदगद हो उठे | चक्र की कविता से प्रभावित होकर उन्होंने उनसे कहा – ‘आज तुम जो मांगोगे वही तुम्हे मिलेगा, मांगो दिल खोलकर मांगो |’

बाबा की बात सुनकर चक्र जी बोले – ‘नहीं बाबा मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस मैं भगवान की भक्ति तथा साहित्य की साधना करता रहूँ, यही मेरी इच्छा हैं |’

चक्र जी के यह कहने पर भी बाबा बार-बार उनसे आग्रह करते रहे और बोले ‘आज मैं अपनी ओर से पहली बार आग्रह कर रहा हूँ, नहीं मांगोगे तो बाद में पछताओगे |’

यह सुनकर चक्र जी ने कहा – ‘बाबा मैं जो मांगूंगा, उसे आप दे भी पाओगे या नहीं, पहले यह विचार कर लीजिये |’

इस पर बाबा बोले – ‘नहीं तुम जो भी मांगोगे, मै तुम्हे अवश्य दूंगा | मै तुमसे वादा करता हूँ |’
इसके बाद चक्र जी बोले – ‘बाबा तो आप यह आशीर्वाद दीजिये कि भारत में जितने रोगी हैं, वे निरोगी हो जाए | जो दरिद्र हैं, वे धनी हो जाए |’ चक्र की ऐसी अद्भुत मांग सुनकर बाबा हैरान हो गए और फूट- फूट कर रोने लगे | वह चक्र जी के नतमस्तक हो कर बोले – ‘आज तुमने मेरा अभिमान नष्ट कर दिया|’

आज मुझे यह पता चल गया हैं की मनुष्य सभी कुछ करने की क्षमता प्राप्त नहीं कर सकता, चाहे वह कितनी ही सिद्धिया प्राप्त करले, वह अक्षम ही रहेगा | सर्व सक्षम तो केवल एक ही है ‘परमपिता परमात्मा’, जो सर्वस्व हैं | जो सभी को एक समान दृष्टि से देखता है और उनका पालन करता हैं | बाबा की बात सुनकर चक्र जी वहा से चले गए |


Tags: Faith on God, Down to Earth Attitude, Trust on your Luck